जी-20 विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में यूक्रेन-रूस युद्ध का विवाद छाये रहने की संभावना है और इसकी वजह से इस दो दिन की बैठक के अंत में संयुक्त दस्तावेज या बयान के जारी होने के बारे में भी संशय है।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया कि जी-20 के विदेश मंत्रियों के दो दिन की बैठक के अंत में कल कोई संयुक्त वक्तव्य जारी किया जाएगा।
उनसे पूछा गया था कि चूंकि पश्चिमी नेताओं एवं रूस ने यू्क्रेन-रूस संघर्ष के बारे में बेहद कड़े बयान जारी किये हैं। ऐसे में क्या बैठक में एक सर्वसम्मत संयुक्त बयान के बारे में सहमति बन सकती है। इस पर श्री क्वात्रा ने कहा, “बैठक के परिणाम के बारे में पहले से कुछ निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आगे की बैठकों में यूक्रेन संघर्ष पर फोकस होने संभावना है।
विदेश सचिव का यह बयान ऐसे समय आया है जब बेंगलुरु में हाल में संपन्न जी-20 वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में रूस-यूक्रेन संघर्ष की छाया मंडराती रही और इसी वजह से संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं हो पाया। रूस एवं चीन ने संघर्ष के लिए संयुक्त वक्तव्य में ‘युद्ध’ शब्द के प्रयोग पर आपत्ति की थी। बाद में वित्त मंत्रियों के सत्र में अध्यक्षीय वक्तव्य और निष्कर्ष दस्तावेज जारी किया गया था।
विदेश सचिव ने कहा कि यह स्पष्ट है कि विदेश मंत्रियों का फोकस रूस यूक्रेन संघर्ष की मौजूदा स्थिति पर भी होगा लेकिन जो भी निष्कर्ष होगा वह उस समय सदस्यों के बीच क्या समझ बनती है, उस पर निर्भर करेगा। चर्चा के बिन्दुओं में केवल संघर्ष ही नहीं, बल्कि संघर्ष के बाकी विश्व पर पड़ने वाला असर, आर्थिक प्रभाव, विकासशील देशों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियाें के बिन्दु भी शामिल होंगे। इसलिए वह अभी बैठक के परिणाम के बारे में पहले से कुछ निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा हालांकि हम इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि विदेश मंत्रियों को उन सभी प्राथमिकताओं पर फोकस करना चाहिए जो वैश्विक संदर्भ में बहुत प्रासंगिक हैं।

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