भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने कहा हैं कि भाजपा राज्य में इस वर्ष के अन्त में होने वाले चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर चुनाव मैदान में उतरेंगी।
डा.सिंह ने आज यहां यूनीवार्ता से कहा कि राज्य में मोदी जी के नाम पर सामूहिक रूप से सभी मिलकर चुनाव मैदान में जायेंगे।उन्होने कहा कि सामूहिक नेतृत्व में हम 2003 में भी चुनाव मैदान में गए थे और कांग्रेस को शिकस्त देकर सरकार बनाई थी।उन्होने कहा कि चुनावों के लिए भाजपा के पास भूपेश सरकार की पिछले साढ़े चार साल की विफलता, कांग्रेस के जनघोषणा पत्र के अधूरे वादे और भ्रष्टाचार के अहम मुद्दे है।
उन्होने कहा कि जनघोषणा पत्र में शराबबंदी का अहम वादा पूरा नही हुआ और सरकार ने शराबबंदी नही करने का साफ संकेत भी दे दिया है।इसे लेकर गांव गांव में महिलाओं में भारी आक्रोश है।इसके साथ ही 10 लाख युवकों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी पूरा नही हुआ।चुनावी वर्ष में अब भत्ता बांटने का निर्णय़ हुआ तो उसमें इतने नियम और शर्ते लगा दी गई कि युवाओ को उसका लाभ नही मिले। किसानों को धान के दो वर्ष के बकाये बोनस देने का वादा भी पूरा नही किया गया और संविदा,दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा भी पूरा नही हुआ,जिससे किसान से लेकर कर्मचारी तक सभी ठगा महसूस कर रहे है।
राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)और अन्य केन्द्रीय एजेन्सियों की ताबडतोड कार्रवाई पर उठ रहे सवालों के बारे में पूछे जाने पर डा.सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार जहां होता हैं वहीं पर ईडी,आयकर जाते है। उन्होने कहा कि एक बोफोर्स होता है तो राजीव जी की सरकार चली जाती है,यहां तो रोज बोफोर्स हो रहा हैं।उन्होने कहा कि राज्य़ में पहले आयकर ने कार्रवाई की उसके फालोअप में ईडी कार्रवाई कर रही है।डा.सिंह ने कहा कि केन्द्रीय एजेन्सियां तब तक राज्य में करती रहेंगी जब तक भ्रष्टाचार है।
मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में केन्द्रीय एजेन्सियों द्वारा राजनीतिक आधार पर कार्रवाई करने उठाए गए सवालों के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को केन्द्रीय एजेन्सियों पर टिप्पणी करने की बजाय जेल और बेल पर रहे अपने अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।उन्होने कहा ति गजब हैं कि सिपाही को डांट रहे हैं कि चोर को नही पकड़ो।डा.सिंह ने दावा किया कि केन्द्रीय एजेन्सियों ने राज्य में 600 करोड़ रूपए के भ्रष्टाचार को प्रमम के साथ उजागर किया है।
उन्होने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि विधानसभा चुनाव में पिछली बार सबसे खराब प्रदर्शन वाले आदिवासी बाहुल क्षेत्र बस्तर एवं सरगुजा में इस बार राजनीतिक वातावरण में काफी परिवर्तन दिख रहा है।उन्होने कहा कि सरगुजा में काफी परिवर्तन दिख रहा है, जबकि बस्तर में भी स्थिति बदली है।दोनो क्षेत्रों में भाजपा के इस बार काफी अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है।उन्होने पर्व योजना सहित कई गावों पर केन्द्रित योजनाओं के चुनावी असर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि गांवों में पिछले साढ़े चार साल में अद्योसंरचना के कार्य सड़क,पुल, पुलिया के काम जीरो होने का भी तो असर होगा।उन्होने स्थानीय एवं बाहरी के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह चुनावी नारे है और छत्तीसगढ़ के आम लोगो में इसे लेकर कोई दिलचस्पी नही हैं।

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